रविवार, 23 अक्तूबर 2011

लगे   रोशनी  की झड़ी झूम ऐसी
निशा की गली में तिमिर राह भूले ....

गुरुवार, 1 सितंबर 2011

31 Aug- Chand Id ka

आज मिल गया चाँद ईद का ,
खिड़की से चला आया हाथों   में मेरे -
मुस्करा कर लगा पूछने केफियत बीते दिनों की ...

बुधवार, 3 अगस्त 2011

3 Aug. 2011 -- teej.....

खुली आँखों के ख्वाब ...
हिना की खुशबू में महके  हुए
सांसों  में महकती है सावन की सोंधी  खुशबू ...
बुँदे     बारिश की ...मन  को छूती  हुई......
क्या यही सच है या उनीदा सा  khwab ......

बुधवार, 13 जुलाई 2011

13 july -- dastak

ना कोई आहट है ,ना कोई दस्तक
सब तरफ एक  तन्हाई  फ़ैली  है ,
चाँद भी  कुछ  बोलता  नहीं है आज ,
मुहं  छुपा रहा  है ,  बादलों  के  पीछे ........


     

गुरुवार, 23 जून 2011

सावन

रुकी रुकी सी बारिशों के बोझ से दबी दबी

झुके झुके से बादलों से -
धरती की प्यास बुझी
घटाओं ने झूमकर  
 मुझसे कुछ कहा तो है
बूंदे मुझे छू गई -
तेरा ख्याल आ गया


सोंधी खुशबू वाला पानी -
 तुझसे भी कुछ कहता होगा
बादल ने बारिश के हाथों
तुझको भी कुछ भेजा होगा


मेघों ने बरसकर ,
तुझसे कुछ कहा है क्या -
सावन की रिमझिम में
तेरा ख्याल आ गया          

A painting ( The starry night ) by Vincent van Gogh.....



शुक्रवार, 13 मई 2011

ओस

वो एक ख्वाब की तरह ,
रात भर पलकों पर सजता है
आँखों के साये चलता है
आँखे खुलते ही ....
ओस की बूंदों सा
दिल में शबनम बन बसता है


Girls at the Piano, 1892, by Pierre-Auguste Renoir, Musée d'Orsay, Paris










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मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

Basant - 8th Feb 2010

उसके आने की दस्तक हुई ..
सकुचाया , शरमाया आया बसंत
फूल खिले ,    मधु  झरे  
खुशबुओं की आहट  , लाया बसंत


अंगना में धूप खिली , बसंती बयार बही
सुधबुध  सबकी   बिसराया   बसंत ....

बुधवार, 2 फ़रवरी 2011

Gulmohar

गुलमोहर

लाल , बैंगनी ,पीला -
हर रंग में खिलता है गुलमोहर


धूप में छाँव की तरह
घने पत्तों के साये में -
शीतल बयार की तरह
पीले खिले फूल
-तुम्हारी मुस्कान की तरह


नीले आसमान के नीचेखिले बैगनी फूल -
किसी याद की तरह
शाखों से लटकते लाल गुलमोहर
-मन की आग की तरह





---painting by M F HUSAIN

गुरुवार, 20 जनवरी 2011

umang

बसन्त की उमंगों में

इन्द्रधनुषी रंगों में
बस तेरा नाम महकता है.............


सावन की फुहरों में
मन वीणा के तारों में
तेरी ही धुन बजती है................


उषा की अरूणाई में
सुनहली चम्पई साँझ में
तुम ही तुम शामिल हो............


मलयज पवन के झोंकों में
महकी मदिर बयार में
तुम्हारें ही अहसास है............

painting by Anjolie Ela Menon.....