रुकी रुकी सी बारिशों के बोझ से दबी दबी
झुके झुके से बादलों से -
धरती की प्यास बुझी
घटाओं ने झूमकर
मुझसे कुछ कहा तो है
बूंदे मुझे छू गई -
तेरा ख्याल आ गया
सोंधी खुशबू वाला पानी -
तुझसे भी कुछ कहता होगा
बादल ने बारिश के हाथों
तुझको भी कुछ भेजा होगा
मेघों ने बरसकर ,
तुझसे कुछ कहा है क्या -
सावन की रिमझिम में
तेरा ख्याल आ गया
A painting ( The starry night ) by Vincent van Gogh.....
झुके झुके से बादलों से -
धरती की प्यास बुझी
घटाओं ने झूमकर
मुझसे कुछ कहा तो है
बूंदे मुझे छू गई -
तेरा ख्याल आ गया
सोंधी खुशबू वाला पानी -
तुझसे भी कुछ कहता होगा
बादल ने बारिश के हाथों
तुझको भी कुछ भेजा होगा
मेघों ने बरसकर ,
तुझसे कुछ कहा है क्या -
सावन की रिमझिम में
तेरा ख्याल आ गया
A painting ( The starry night ) by Vincent van Gogh.....