बसन्त की उमंगों में
इन्द्रधनुषी रंगों में
बस तेरा नाम महकता है.............
सावन की फुहरों में
मन वीणा के तारों में
तेरी ही धुन बजती है................
उषा की अरूणाई में
सुनहली चम्पई साँझ में
तुम ही तुम शामिल हो............
मलयज पवन के झोंकों में
महकी मदिर बयार में
तुम्हारें ही अहसास है............
painting by Anjolie Ela Menon.....
इन्द्रधनुषी रंगों में
बस तेरा नाम महकता है.............
सावन की फुहरों में
मन वीणा के तारों में
तेरी ही धुन बजती है................
उषा की अरूणाई में
सुनहली चम्पई साँझ में
तुम ही तुम शामिल हो............
मलयज पवन के झोंकों में
महकी मदिर बयार में
तुम्हारें ही अहसास है............
painting by Anjolie Ela Menon.....
सच्चा प्यार तो ऐसा ही होता है , हर जगह उन्ही का एहसास होता है।
जवाब देंहटाएंनीलिमा गर्ग जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव !
बहुत सुंदर रचना !
हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
एक पुराना गीत याद हो आया -
मैं देखूं जिस ओर सखी री सामने मेरे सांवरिया …
शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार
मौसम कोई भी हो उसके होने का अहसास हर मौसम में रंग भर देता है.बसंतई बयार में उसके प्यार की खुशबू जो शामिल हो तो क्या कहने .आपकी कलम को सलाम. बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति .
जवाब देंहटाएंshabd aur bhaw donon bahut sunder hain.
जवाब देंहटाएंसबसे पहले मेरे ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद -
जवाब देंहटाएंआपकी बसंत के रंग में रंगी हुई बसंती रचना बहुत खूबसूरत है -
बधाई एवं शुभकामनायें -
वसंत का बहुत सुन्दर कविता के साथ आप स्वागत कर रही हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत पसन्द आया
जवाब देंहटाएंहमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
bahut komal shabdon me basant ke aane ka swagat kiya hai .ati sundar abhivyakti .
जवाब देंहटाएंउषा की अरूणाई में
जवाब देंहटाएंसुनहली चम्पई साँझ में
तुम ही तुम शामिल हो...
सुंदर कविता, सुंदर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई।