काव्या - KAVYA
शनिवार, 14 जुलाई 2012
sawan
रिमझिम मौसम की , सावनी फुहारें
माटी से , सोंधी खुशबू लाये
बरखा की बूंदे , तन को भिगोये
शबनमी यादे , मन महकाएँ
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