काव्या - KAVYA
बुधवार, 3 अगस्त 2011
3 Aug. 2011 -- teej.....
खुली आँखों के ख्वाब ...
हिना की खुशबू में महके हुए
सांसों में महकती है सावन की सोंधी खुशबू ...
बुँदे बारिश की ...मन को छूती हुई......
क्या यही सच है या उनीदा सा khwab ......
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