गुरुवार, 20 जनवरी 2011

umang

बसन्त की उमंगों में

इन्द्रधनुषी रंगों में
बस तेरा नाम महकता है.............


सावन की फुहरों में
मन वीणा के तारों में
तेरी ही धुन बजती है................


उषा की अरूणाई में
सुनहली चम्पई साँझ में
तुम ही तुम शामिल हो............


मलयज पवन के झोंकों में
महकी मदिर बयार में
तुम्हारें ही अहसास है............

painting by Anjolie Ela Menon.....