बुधवार, 3 अगस्त 2011

3 Aug. 2011 -- teej.....

खुली आँखों के ख्वाब ...
हिना की खुशबू में महके  हुए
सांसों  में महकती है सावन की सोंधी  खुशबू ...
बुँदे     बारिश की ...मन  को छूती  हुई......
क्या यही सच है या उनीदा सा  khwab ......

4 टिप्‍पणियां:

  1. नीलिमा जी
    सादर अभिवादन !

    सांसों में महकती है सावन की सोंधी खुशबू ...
    क्या बात है ! बहुत सुंदर रचना है !

    बड़ी तीज भी आने को है , इस त्यौंहार के लिए हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !



    रक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ

    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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