उसके आने की दस्तक हुई ..
सकुचाया , शरमाया आया बसंत
फूल खिले , मधु झरे
खुशबुओं की आहट , लाया बसंत
अंगना में धूप खिली , बसंती बयार बही
सुधबुध सबकी बिसराया बसंत ....
गुलमोहर
लाल , बैंगनी ,पीला -
हर रंग में खिलता है गुलमोहर
धूप में छाँव की तरह
घने पत्तों के साये में -
शीतल बयार की तरह
पीले खिले फूल
-तुम्हारी मुस्कान की तरह
नीले आसमान के नीचेखिले बैगनी फूल -
किसी याद की तरह
शाखों से लटकते लाल गुलमोहर
-मन की आग की तरह
---painting by M F HUSAIN