सोमवार, 22 फ़रवरी 2016

mahak

यादों   की  महक
ख्वाहिशों   की  खनक
बसंत  को  ख्वाहिश  हैं  बहार  की,
कुमुदिनी  को  इन्तजार   भ्रमर  का।

प्रक़ृति  में  उजास   है ,
जिन्दगी  फिर भी  उदास  है।

गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

Fija....


ताजा  हवा  का झोंका है या ,
   वादियों  की      फिजा ,
रँगत  है     साँझ      की  या
   बहारों   की   इल्तिजा ..........
 

गुरुवार, 26 फ़रवरी 2015

शनिवार, 14 जुलाई 2012

sawan

रिमझिम मौसम  की ,  सावनी  फुहारें 
माटी  से , सोंधी  खुशबू  लाये 
बरखा  की बूंदे  , तन को भिगोये 
शबनमी  यादे ,  मन  महकाएँ  

सोमवार, 27 फ़रवरी 2012

फागुन

फागुनी हवा है वोह ,
मुट्ठी में बांधना है .......
खुशबु है , बसंती झोंको की
सजा हो पलकों पर ख्वाब कोई ....
रहता है सांसों में धड़कन बनकर
उड़ जाता है ,नींदों से , सपना बनकर .....

रविवार, 23 अक्तूबर 2011

लगे   रोशनी  की झड़ी झूम ऐसी
निशा की गली में तिमिर राह भूले ....

गुरुवार, 1 सितंबर 2011

31 Aug- Chand Id ka

आज मिल गया चाँद ईद का ,
खिड़की से चला आया हाथों   में मेरे -
मुस्करा कर लगा पूछने केफियत बीते दिनों की ...